उत्तर : मठाधीष महाराज तुम पर अति प्रसन्न हैं. तुम्हारी चमचागिरी का ढंग अनोखा है बालक. तुमने आखिर मठाधीष को भी झांसे मे ले ही लिया. लगे रहो मठाधीष महाराज की ऊपरी चापलूसी में. जब तुम खुद मठाधीष बन जावो तो उनको लात मार देना. तुम्हारे सितारे तुमको मठाधीष बनवाने के प्रबल योग बना रहे हैं. विशेष सफ़लता हेतु "श्री ताऊ सिंगी सिद्ध गुटिका यंत्रम" धारण करें.