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प्रश्न : क्या मेरा ब्लागर मित्र इस साल धोखा देगा?

उत्तर : बालक, तुम कब से धोखा खाते आ रहे हो और अभी तक वही नादानियां करते आ रहे हो? अब संभल जावो और धरातल पर आकर काम धंधे में मन लगावो. तुम्हारा तृतीय भाव बलवान हो रहा है जो भ्रम को बढावा दे रहा है. यहां कोई किसी का मित्र या दुश्मन नही है. नींद से जागो और काम धंधे में मन लगाकर अपना घर परिवार चलावो. मन लगाने के लिये श्री ताऊ अष्टक का पाठ करें और सुबह शाम काली कुतिया के दूध में लौंग घिसकर उसका मस्तक तिलक करें. मन शांत हो जायेगा.